आई सी जी एस विग्रह (ICGS Vigraha)
हाल ही में भारतीय तटरक्षक जहाज़ ‘विग्रह’ को भारतीय तटरक्षक बल आई सी जी एस विग्रह (ICG) में कमीशन किया गया है। भारतीय तटरक्षक जहाज़ ‘विग्रह’ एक अपतटीय निगरानी जहाज़ है ।
इसे वर्ष 2015 में हस्ताक्षरित रक्षा अनुबंध के तहत लार्सन एंड टुब्रो (निजी कंपनी) द्वारा निर्मित 7 अपतटीय निगरानी जहाज़ों की शृंखला में अंतिम पोत है।
मई 2021 में अपतटीय निगरानी जहाज़ ‘सजग’ (OPV Sajag) को ICG में कमीशन किया गया था।
आई सी जी एस विग्रह के बारे में:
- इसकी लंबाई 98 मीटर तथा चौड़ाई15 मीटर एवं ड्राफ्ट (Draught)6 मीटर है, जिसमें 2,140 टन विस्थापन और 5,000 समुद्री मील की सीमा है।
- यह अधिकतम गति 26 समुद्री मील प्रति घंटे के साथ संचालन में सक्षम है ।
- यह उन्नत प्रौद्योगिकी रडार, नेविगेशन और संचार उपकरण, सेंसर व मशीनरी से सुसज्जित है जो उष्णकटिबंधीय समुद्री परिस्थितियों में काम करने में सक्षम है।
- यह एक एकीकृत मंच प्रबंधन प्रणाली (Integrated Platform Management System), एकीकृत पुल प्रणाली (Integrated Bridge System), स्वचालित बिजली प्रबंधन प्रणाली और उच्च विद्युत बाहरी अग्निशमन प्रणाली से भी लैस है।
- पोत 40 से 60 बोफोर्स तोप से लैस है और अग्नि नियंत्रण प्रणाली के साथ दो 7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल गन (एसआरसीजी) से सुसज्जित है।
विशेष क्षमता:
- खोज और बचाव, बोर्डिंग ऑपरेशन, कानून प्रवर्तन व समुद्री गश्त हेतु एक जुड़वाँ इंजन वाले हेलीकॉप्टर तथा 4 उच्च गति वाली नौकाओं को ले जाने में सक्षम।
- समुद्र में तेल रिसाव को रोकने के लिये प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में सक्षम।
अपतटीय गश्ती वाहन (OPVs)
- ‘अपतटीय गश्ती वाहन’ लंबी दूरी के सतही जहाज़ हैं, जो भारत के समुद्री क्षेत्रों में संचालन में सक्षम हैं, जिसमें हेलीकॉप्टर संचालन क्षमताओं वाले द्वीप क्षेत्र भी सम्मिलित हैं।
- उनकी भूमिकाओं में तटीय और अपतटीय गश्त, भारत के समुद्री क्षेत्रों में पुलिसिंग, नियंत्रण और निगरानी, तस्करी विरोधी और सीमित युद्धकालीन भूमिकाओं के साथ समुद्री डकैती विरोधी अभियान सम्मिलित हैं।
भारतीय तटरक्षक बल:
- यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक सशस्त्र बल, खोज और बचाव तथा समुद्री कानून प्रवर्तन एजेंसी है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- इसकी स्थापना अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी।
- भारतीय तटरक्षक बल के निर्माण की अवधारणा साल1971 के युद्ध के पश्चात अस्तित्व में आई। रुस्तमजी समिति द्वारा बहुआयामी तटरक्षक बल के लिये एक खाका तैयार किया गया था।
- सन्निहित क्षेत्र और विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) सहित भारत के क्षेत्रीय जल पर इसका अधिकार क्षेत्र है।
- यह भारत के समुद्री क्षेत्रों में समुद्री पर्यावरण संरक्षण के लिये ज़िम्मेदार है और भारतीय जल में तेल रिसाव की प्रतिक्रिया हेतु प्राधिकरण का समन्वय कर रहा है।
स्रोत – द हिन्दू