आंध्र प्रदेश में 15 दुर्लभ खनिजों के बड़े भंडार प्राप्त हुए हैं
हाल ही में हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में 15 दुर्लभ भू तत्वों (Rare Earth Elements: REE) के बड़े भंडार खोजे हैं।
REEs को दुर्लभ भू ऑक्साइड्स भी कहा जाता है। ये चांदी के जैसे सफेद 17 नरम भारी धातुओं का एक समूह है। ये आवर्त सारणी में एक साथ प्राप्त होते हैं।
इस समूह में यट्रियम और 15 लैंथेनाइड तत्व शामिल हैं।
15 लैंथेनाइड तत्व हैं: लैंथेनम, सेरियम, प्रेजोडियम, नियोडिमियम, प्रोमेथियम, समैरियम, यूरोपियम, गैडोलिनियम, टर्बियम, डिस्प्रोसियम, होल्मियम, एर्बियम, थ्यूलियम, यटेरबियम और लुटेटियम ।
REEs के सभी तत्व धातुएं हैं। इनमें कई समान गुण होते हैं। इस वजह से अक्सर ये भूगर्भिक निक्षेपों में एक साथ प्राप्त हो जाते हैं ।
REEs का उपयोग अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में रक्षा प्रौद्योगिकियों में तथा सेल फोन, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिक वाहन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में व्यापक रूप से किया जाता है।
इन तत्वों के ल्यूमिनेसेंट और उत्प्रेरक गुणों की वजह से इनका उपयोग अधिक है।
अन्य संबंधित सुर्खियां
खनिज और सामग्री प्रौद्योगिकी संस्थान, भुवनेश्वर के वैज्ञानिकों ने रेड मड से प्राप्त किए जाने वाले REEs की मात्रा का अनुमान लगाया है।
रेड मड बेअर प्रक्रिया के माध्यम से बॉक्साइट अयस्क से एल्यूमीनियम निकालने के क्रम में उत्पन्न विषाक्त उपोत्पाद है ।
रेड मड में REEs भी होते हैं।
रेड मड से REEs प्राप्त करने के लिए दो रणनीतियां उपलब्ध हैं:
केवल REEs निकालना या REEs समेत सभी धातुएं (जैसे लोहा, टाइटेनियम और सोडियम) निकालना।
स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड