वर्ष 2022 में असम में एक भी गैंडे का शिकार नहीं हुआ

वर्ष 2022 में असम में एक भी गैंडे का शिकार नहीं हुआ

हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में असम में गैंडों के एक भी अवैध शिकार की घटना दर्ज नहीं होने लिए राज्य में गैंडों के संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए असम के लोगों की सराहना की है।

  • असम में 2022 में लगभग 45 वर्षों में पहली बार संकटापन्न भारतीय गैंडों (एक सींग वाला गैंडा) का एक भी अवैध शिकार का मामला सामने नहीं आया है ।
  • राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पिछले साल काजीरंगा, मानस, ओरंग राष्ट्रीय उद्यानों और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में किसी भी गैंडे का शिकार नहीं किया गया।
  • विदित हो कि 2000 और 2021 के बीच असम में कम से कम 191 गैंडों का शिकार किया गया था। 2013 और 2014 में प्रत्येक वर्ष में 27 गैंडों की मौत हुई थी। 2020 और 2021 में दो-दो गैंडे मारे गए। 2022 से पहले, आखिरी बार 1977 में गैंडों के शिकार की कोई सूचना नहीं मिली थी।

गैंडे के बारे में

  • दुनिया भर में गैंडों की 5 प्रजातियां पाई जाती हैं: सफेद गैंडे, काले गैंडे, सुमात्राई गैंडे, विशाल एक सींग वाले गैंडे और जावा गैंडे ।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN ) की लाल सूची में सुमात्राई, जावा और काले गैंडों को क्रिटिकली इंडेंज़र्ड प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • सफेद गैंडा नियर थ्रेटेनेड और विशाल एक सींग वाला गैंडा (भारतीय गैंडा) वल्नरेबल के रूप में सूचीबद्ध हैं ।

भारतीय गैंडे के बारे में

  • भारतीय गैंडे एशियाई गैंडों की सबसे बड़ी प्रजाति हैं । भारतीय गैंडे केवल ब्रह्मपुत्र घाटी, उत्तरी बंगाल के कुछ हिस्सों और दक्षिणी नेपाल के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।
  • भारतीय गैंडे में एक काला सींग होता है जो 60 सेमी तक बढ़ सकता है, और त्वचा की परतों के साथ एक सख्त, भूरे-भूरे रंग की खाल होती है, जो जानवर को इसकी विशेष कवच-परत के रूप में दिखती है।
  • गैंडों के सींग केरैटिन से बने होते हैं। केरैटिन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो बालों और नाखूनों का निर्माण करता है।
  • असम में एक सींग वाले गैंडों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी प्राप्त होती है।
  • राज्य में लगभग 2,895 गैंडे हैं, जिनमें से 2,613 काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में, 125 ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में, 107 पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में और 40 मानस राष्ट्रीय उद्यान में हैं।

खतरे : सींगों के औषधीय महत्व के कारण इनका अवैध शिकार किया जा रहा है। इसके अलावा, इनके पर्यावास स्थल भी कम होते जा रहे हैं।

भारत में गैंडों के संरक्षण के लिए उठाए गए कदम

  • भारतीय गैंडा मिशन 2020 के तहत असम के सात संरक्षित क्षेत्रों में गैंडों की आबादी में वृद्धि करके इसे 3,000 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • गैंडों के अवैध शिकार और संबंधित गतिविधियों की निगरानी के लिए असम सरकार ने विशेष गैंडा सुरक्षा बल गठित किया है।

स्रोत – पी.आई.बी

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