अल्पसंख्यकों की पहचान

Share with Your Friends

अल्पसंख्यकों की पहचान

हाल ही में केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए राज्यों के साथ बैठक करने हेतु उच्चतम न्यायालय (SC) से और समय की मांग की है ।

  • इससे पहले उच्चतम न्यायालय राज्य स्तर पर हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की पहचान के मुद्दे पर केंद्र द्वारा अलग-अलग रुख अपनाने पर नाराजगी प्रकट कर चुका है।
  • इस मुद्दे पर SC ने केंद्र को राज्यों के साथ परामर्श करने का निर्देश भी दिया था।
  • मार्च 2022 में केंद्र सरकार ने कहा था कि इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को लेना है।
  • बाद में, केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है।

भारत में अल्पसंख्यक का दर्जा

  • संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है। इसमें केवल अल्पसंख्यक शब्द का उल्लेख किया गया है।
  • अल्पसंख्यकों के अधिकारों को अनुच्छेद 29 और 30 के तहत वर्णित किया गया है।
  • साथ ही, अनुच्छेद 350B में भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए जाने का उपबंध किया गया है।
  • हालांकि, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 का उपयोग करते हुए मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसियों को ‘अल्पसंख्यक घोषित किया है।
  • अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकारों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग (NCMEI) अधिनियम, 2004 बनाया गया है।
  • हाल ही में, उच्चतम न्यायालय ने अल्पसंख्यकों की जिलेवार पहचान करने के लिए एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। न्यायालय ने इस मांग को केरल शिक्षा विधेयक (1958) और टी.एम.ए. पाई (2002) मामलों के निर्णयों के खिलाफ बताया।

स्रोत द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

UPSC IAS Best Online Classes & Course At Very Affordable price

Register now

Youth Destination Icon