भारत द्वारा अर्जेंटीना में लिथियम की दो खदानों की पहचान की है
भारत ने अर्जेंटीना में लिथियम की दो खदानों और एक तांबे की खदान की पहचान की है। भारत इन खदानों का या तो अधिग्रहण करेगा या इन्हें लंबी अवधि के लिए लीज पर लेगा।
- बता दें कि नवंबर 2022 में संभावित लिथियम भंडार और भविष्य में अधिग्रहण के अवसरों का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार ने लैटिन अमेरिकी राष्ट्र अर्जेंटीना में तीन भूवैज्ञानिकों की एक टीम भेजी थी।
- टीम में मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (MECL), KABIL (खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के एक-एक भूविज्ञानी शामिल थे।
- KABIL (खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड) भारत सरकार का एक संयुक्त उपक्रम है जो नेशनल एल्युमीनियम कंपनी (Nalco), हिंदुस्तान कॉपर (HCL) और MECL (पूर्ववर्ती मिनरल एक्सप्लोरेशन लिमिटेड) की भागीदारी से बना है।
- KABIL का लक्ष्य घरेलू बाजार में क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक खनिजों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
- अर्जेंटीना में तीनों खानों का स्वामित्व (अधिग्रहण या इक्विटी डालने के मामले में) या पट्टे पर देने का अधिकार KABIL के पास होगा।
- अभी तक KABIL ने अर्जेंटीना के सरकारी स्वामित्व वाले तीन संगठनों के साथ लिथियम के संभावित रकबे के संबंध में जानकारी साझा करने के लिए गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
लिथियम त्रिकोण (Lithium Triangle) और लिथियम भंडार
- अर्जेंटीना वर्तमान में दुनिया भर में लिथियम का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है। चिली और बोलिविया के साथ मिलकर अर्जेंटीना तथाकथित “लिथियम त्रिकोण” (Lithium Triangle) का निर्माण करते हैं।
- अर्जेंटीना के पास लिथियम का तीसरा सबसे बड़ा विश्व भंडार भी है। लिथियम रिचार्जेबल बैटरी (इलेक्ट्रिक व्हीकल में प्रयुक्त) और ऊर्जा भंडारण सोल्युशन सहित बैटरी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स का मुख्य घटक है।
- ऑस्ट्रेलिया विश्व स्तर पर शीर्ष लिथियम उत्पादक है। लिथियम त्रिकोण के अलावा अमेरिका और चीन भी इसके प्रमुख उत्पादक हैं।
लिथियम खनन प्रक्रिया
- लिथियम सेडेमाइन शैल संरचना में और ब्राइन (लवण से अत्यधिक संतृप्त जल ) के रूप में पाया जाता है। ऐसे लवणयुक्त निक्षेप को लैटिन अमेरिका में सलार कहा जाता है । लिथियम को तरल रूप में भी प्राप्त किया जा सकता है।
- दक्षिण अमेरिका में, आम तौर पर नमक के मैदानों में मौजूद लवणीय तालाबों में ब्राइन को इनकी सतह तक पंप किया जाता है।
- इसके बाद लिथियम युक्त लवण को प्रोसेस करने से जल वाष्पीकृत हो जाता है और लवण क्रिस्टलीकृत हो जाते हैं। ये लिथियम के क्रिस्टल्स होते हैं ।
स्रोत – द हिन्दू