अर्जुन मार्क 1A टैंक के अधिग्रहण को मंजूरी
हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने अर्जुन मार्क 1A टैंकों के अधिग्रहण को स्वीकृति दे दी है।
अर्जुन मार्क-1ए:
- अर्जुन मार्क-1ए, का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के लड़ाकू वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (सीवीआरडीई) द्वारा किया गया है।
- लगभग ढाई साल पूर्व अर्जुन टैंक के नए संस्करणों की पूर्ति हेतु रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा सेना के साथ अनुबंध किया गया था।
- अर्जुन मार्क-1ए आधुनिक टेक्नोलोजी से सुसज्जित है। इसमें बेहतर मारक क्षमता, उच्च गतिशीलता और उत्कृष्ट सुरक्षा आदि विशेषताएँ हैं। इसके साथ ही यह समकालीन मुख्य युद्धक टैंकों में शामिल है।
- इसे आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल क्षमता(Armoured Fighting Vehicle Capability) में देश की आत्मनिर्भरता के लिए विकसित किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि अर्जुन श्रेणी के काफी टैंक भारतीय सेना पहले से ही उपयोग कर रही है। मौजूदा अर्जुन टैंक पिछले अर्जुन एमके-1 टैंक का उन्नत संस्करण है। एवं पहले के वर्जन से ज्यादा अपग्रेड और ज्यादा विध्वंसक है।
रक्षा अधिग्रहण परिषद:
- 2001 में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की स्थापना सैनिक सामग्रियों के क्रय की गति को बढ़ाने और उसमें भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसके अध्यक्षरक्षा मंत्रीहोते हैं।
- DAC का उद्देश्य सेना के लिए आवश्यक उपकरणों के क्रय का समयसीमा के अंदर निष्पादन करना है। इसके लिए यह बजट में किये गये आवंटन का आदर्शतम उपयोग करती है। विदित हो कि सरकार सेना की शक्ति को बढ़ाने के लिए समय-समय पर धनराशि की व्यवस्था करती है।
- रक्षा अधिग्रहण परिषद का उद्देश्य सशस्त्र बलों की अनुमोदित आवश्यकताओं की निर्धारित समय-सीमा के भीतर और आवंटित बजटीय संसाधनों का बेहतर उपयोग करके, शीघ्र खरीद सुनिश्चित करना है।
- DAC अधिग्रहण के लिए नीतिगत मार्गदर्शन करती है। यह अधिग्रहण दीर्घकालिक क्रय योजना पर आधारित होता है। यह सभी प्रकार के अधिग्रहण का काम करती है। ये अधिग्रहण आयातित सामग्रियों एवं स्वदेशी दोनों प्रकार की रक्षा सामग्रियों से सम्बन्धित हो सकते हैं।
स्रोत – पीआइबी