अरुणाचल प्रदेश में नई प्रजाति के पक्षी की ख़ोज
हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के उच्च तुंगता वाले शंकुधारी जंगलों में इस नई पक्षी की प्रजाति की खोज की गई। इस पक्षी प्रजाति को बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा खोजा गया है | इस पक्षी का नामकरण ‘थ्री बैंडड रोजफिंच’ (Three Banded Rosefinch ) के रूप में किया गया है ।
थ्री बैंडड रोजफिंच के बारे में:
- थ्री बैंडड रोजफिंच का संबंध पक्षियों की फ़िंच प्रजाति से है।ऑस्ट्रेलिया और ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर फिंच पक्षी दुनिया भर में पाया जाता है।
- थ्री बैंडड रोजफिंचकामूल स्थान दक्षिणी चीन और भूटानहै। वैज्ञानिकों का मानना है कि थ्री बैंडड रोजफिंच अरुणाचल प्रदेश के उच्च तुंगता क्षेत्र के समशीतोष्ण शंकुधारी वनों में पाए जाते है, और ये इन्ही क्षेत्रों से उचाई पर जाकर यहाँ से चीनऔर भूटान की ओर पलायन करते हैं।
- सर्वप्रथम इनको सफेद भूरे रंग के रोजफिंच के झुंड के साथ देखा गया था। ये समुद्र तल से लगभग 3,852 मीटर की ऊँचाई पर जाकर एक स्थान से दुसरे स्थान की यात्रा करते हैं |
भारत में नई पक्षी प्रजातियां:
भारत पक्षियों की ख़ोज हेतु उतना प्रयास नहीं करता जितना कि एनी देश करते हैं लेकिन वर्ष 2016 पूर्वी हिमालय जैसे कम अध्ययन किए गए क्षेत्र का अध्ययन और सर्वेक्षण का कार्य बड़ी गहनता के साथ किया गया जिसके उपरांत ही 2016 से, भारत की चेकलिस्ट में पक्षियों की 104 नई प्रजातियों को जोड़ा गया है।
भारत में पक्षियों की स्थिति, 2020 (State of India’s Bird, 2020)
- ‘जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्त राष्ट्र के पार्टियों के 13वें अभिसमय’ में स्टेट ऑफ़ इंडियाज़ बर्ड, 2020 की रिपोर्ट (State of India’s Birds- SoIB) जारी की गई थी |
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में अब तक पक्षियों की कुल 1,333 प्रजातियाँ दर्ज की गई भारत की इन पक्षी प्रजातियों में से 101 प्रजातियों को “उच्च चिंताजनक”, 319 को “मध्यम चिंताजनक” और 442 को “निम्न चिंताजनक” की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
- इस सूची में मुख्यतः, नीलगिरि थ्रश, नीलगिरि पिपिट. रूफस-फ्रंटेड प्रिंसिया और भारतीय गिद्ध प्रमुख हैं क्योंकि इन पक्षीयों की आबादी में लगातार गिरावट की पुष्टि की गई है।
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी
- बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (BNHS) एक अखिल भारतीय वन्यजीव अनुसंधान संगठन है इसकी स्थापना वर्ष 1883 से प्रकृति संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी ।
- यह एक गैर सरकारी संगठन है यह संस्था भारत में वाइल्ड लाइफ इंटरनेशनल की भागीदार है,विज्ञान एवं प्रोधौगिकी विभाग ने इसे एक वैज्ञानिक एवं औधोगिक अनुसंधान संगठन घोषित किया है |
स्रोत – द हिन्दू