अमेरिकी देगा भारत को 6 P-8I पैट्रोल विमान

अमेरिकी देगा भारत को 6 P-8I पैट्रोल विमान

अमेरिकी देगा भारत को 6 P-8I पैट्रोल विमान

  • हाल ही में अमेरिकी द्वारा भारत को 6, P-8I पैट्रोल विमान और उसके उपकरणों की बिक्री को अनुमति प्रदान कर दी गई है।
  • भारत कोइस तरह के 6 विमान जल्द ही मिल जायेंगे। सबसे खास बात यह है कि इन सभी विमानों में ‘एन्क्रिप्टेडसिस्टम (Encrypted Systems)’लगा होगा।वर्ष 2019 में भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इन विमानों के खरीद को मंज़ूरी दी थी।
  • ज्ञातव्य हो कि, भारत ने अमेरिका के साथ संचार संगतता और सुरक्षा (COMCASA) समझौतेपर हस्ताक्षर किया है।

P-8I विमान

  • P-81 विमान मूल रूप से P-8A पोसाइडन विमान का एक प्रकार है । P-8A को बोइंग कंपनी ने विकसित किया है, जिसनेअमेरिकी नौसेना के पुराने P-3 बेड़ेकी जगह ली थी ।
  • P-8I विमान एक लंबी दूरी का समुद्री गश्ती एवं पनडुब्बीरोधीयुद्धक विमान है।इसकी गति 907 किमी प्रति घंटा है।
  • यह 1,200 समुद्री मील से अधिक की दूरी पर एक ऑपरेटिंग रेंज के साथ P-8I खतरों का पता लगा सकता है, और खतरे की स्थिति में भारतीय तटों के आसपास पहुँचने से पहले उन्हें ध्वस्त कर सकता है।
  • सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के तौर पर भारतीय नौसेना वर्ष 2009 में P-8I विमान की खरीदार बनी थी ।

भारत-अमेरिका रक्षा संबंध:

  • इस तरह की बिक्री से अमेरिका और भारत के रणनीतिक संबंधों को मज़बूती मिलेगी। अमेरिका, भारत को हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति की दिशा एक महत्वपूर्ण शक्ति मानता है।
  • वर्ष 2008 में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार लगभग शून्य था । इसके बाद वर्ष 2020 में यह व्यापार लगभग 20बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया ।इस तरह की रक्षा खरीद दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों का प्रतीक है।
  • इसी के तहत अमेरिका ने भारत को वर्ष 2016 में एक “मेजर डिफेंसपार्टनर” भी घोषित किया था, और वर्ष 2018 में अमेरिका ने सामरिक व्यापार प्राधिकरण-1 (STA-1) के तहत भारत को नाटोका सहयोगी देश बनाया ।

अमेरिका और उनके भागीदारों के बीच प्रमुख  चार मूलभूत समझौते

  • मिलिट्रीइनफार्मेशनएग्रीमेंट ऑफ़ जनरल सिक्योरिटी (GSOMIA) : यह सेनाओं के बीच एकत्रित खुफिया जानकारी को साझा करने की अनुमति प्रदान करता है।भारत ने वर्ष 2002 में इस पर हस्ताक्षर किया।
  • लॉजिस्टिक्सएक्सचेंजमेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA): इस समझौते से दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे की सैन्य सुविधाओं तक पहुंचने में आसानी होती है। यह समुद्र में ईंधन स्थानांतरित करने के लिए ईंधन विनिमय समझौता है। भारत ने इस पर वर्ष 2016 में हस्ताक्षर किये।
  • संचार और सूचना पर सुरक्षा ज्ञापन समझौता (CISMOA) : COMCASA समझौता, CISMOA का संचार और सूचना से संबंधित भारत-विशिष्ट संस्करण है। भारत ने वर्ष 2018 में इस पर हस्ताक्षर किया।
  • बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौता (BECA) : BECA भारत और अमेरिकी सैनिकों को एक दूसरे के साथ भू-स्थानिक सूचना और उपग्रह डेटा साझा करने की अनुमति प्रदान करता है ।BECA पर भारत ने वर्ष 2020 में हस्ताक्षर किये।

रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC)

  • रक्षा अधिग्रहण परिषद तीन सेवाओं (सेना, नौसेना और वायु सेना) और भारतीय तटरक्षक बल के लिए नई नीतियों और पूंजी अधिग्रहण मामलों पर निर्णय लेने के लिए रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च संस्था है।इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री द्वारा की जाती है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1999 (कारगिल युद्ध) के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में सुधार के लिए मंत्रिमंडल की सिफारिशोंके पश्चात वर्ष 2001 की गई थी

स्रोत- द हिन्दू

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