अमलथिया (Amalthea)
हाल के निष्कर्षों के अनुसार, ‘अमलथिया’ सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊष्मा की तुलना में अधिक ऊष्मा का विकीर्णन करती प्रतीत होती है। नासा के अनुसार, इसका कारण बृहस्पति के चुंबकीय क्षेत्र या ज्वार के तनाव हो सकता है।
‘अमलथिया चंद्रमा’ (Amalthea Moon) बृहस्पति ग्रह के 53 उपग्रहों में से एक है; यह चार गैलीलियन चंद्रमाओं के बाद पहली बार खोजा गया था, और यह आकार में कुल मिलाकर पांचवां सबसे बड़ा चंद्रमा है।
बृहस्पति से निकटता के संदर्भ में, अमलथिया बृहस्पति ग्रह का तीसरा चंद्रमा है -और इसे बृहस्पति का एक चक्कर लगाने में केवल 12 घंटे का समय लगता है।
अमलथिया, बृहस्पति के चारो ओर फैले महीन वलयों/गॉसामर रिंग्स (Gossamer Rings of Jupiter) में से एक अमलथिया गॉसामर रिंग भी बनाता है। यह बृहस्पति की धुंधली अंतरतम गॉसमर रिंग (Gossamer Ring) है।
अब तक केवल दो मिशन वॉइअजर(Voyager) और गैलीलियो (Galileo) ही अमलथिया के समीप से गुजरे हैं। वॉइअजर/वायेजर-1 और वायेजर-2 दोनों अंतरिक्ष यानों ने 1979 में अपनी उड़ान के दौरान ‘जोवियन’ चंद्रमा की तस्वीरें खींची थीं।
स्रोत –द हिन्दू