अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य मिशन की समाप्ति
हाल ही में, अफगानिस्तान में शीर्ष अमेरिकी कमांडर ने 20 वर्ष के युद्ध की समाप्ति के निकट अपना पदत्याग किया।
- अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य मिशन 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। हालांकि, यह नागरिक और मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।
- संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहली बार वर्ष 2001 में अफगानिस्तान में कार्रवाई कर अलकायदा के आतंकवादियों के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया था।
- ज्ञातव्य है कि, ये वे ही ठिकाने थे, जहां इन आतंकवादियों ने 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हमले करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
संयुक्त राज्य अमेरिका अफगानिस्तान से क्यों हटगया?
- अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य संलिप्तता एक सामरिक दायित्व और एक निरर्थक निवेश सिद्ध हो रही थी। इसकी अफगानिस्तान में बुनियादी राजनीतिक और सैन्य गतिशीलता को परिवर्तित करने की क्षमता का लोप हो गया था।
- संयुक्त राज्य अमेरिका चीन को सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी मानते हुए अपनी प्राथमिकताओं को हिन्द प्रशांत क्षेत्रमें स्थानांतरित कर रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका की निकासी से संबद्ध मुद्दे:
- अफगानिस्तान में गृहयुद्ध का भयः हिंसा जारी रहने के साथ,अफगानिस्तान में पुनः गृहयुद्ध आरंभ हो सकता है।
- क्षेत्रीय सुरक्षाः भारतीय उपमहाद्वीप के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं, क्योंकि अमेरिकी सैन्य उपस्थिति नेकट्टरपंथी चरमपंथी शक्तियों पर नियंत्रण रखा हुआ था।
भारत से संबंधित विशेष चिंताएं:
- सुरक्षाः अफगानिस्तान में हिंसा और अस्थिरता में वृद्धि ने भारत को राज्य प्रायोजित आतंकवाद की घटनाओं के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया है।
- आर्थिक: भारत ने अफगानिस्तान में अफगान संसद के निर्माण सहित विभिन्न परियोजनाओं में निवेश किया है।
- रणनीतिक: अफगानिस्तान तेल और खनिज समृद्ध मध्य एशियाई गणराज्यों का प्रवेश द्वार है।
स्रोत – द हिंदू