हाल ही में लोकसभा में अन्तर्देशीय जलयान विधेयक 2021 (Inland Vessel Bill 2021) पारित किया गया है। यह विधेयक अन्तर्देशीय जलयान अधिनियम 1917 को प्रतिस्थापित करेगा। इसका उद्देश्य संपूर्ण देश में अंतर्देशीय पोत (जलयान) परिवहन के लिए एक समान विनियामक ढांचा प्रदान करना है।
नीदरलैंड (423) व चीन (8.78) की तुलना में भारत में अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन की आदर्श हिस्सेदारी मात्र 0.5% है। यह विधेयक अंतर्देशीय पोतों को नियंत्रित करने वाली प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करेगा।
प्रमुख प्रावधान
- इस विधेयक के अनुसार सरकार यांत्रिक रूप से चालित अंतर्देशीय पोतों का वर्गीकरण, डिजाइन के मानकों, निर्माण और चालक दल के आवास. सर्वेक्षणके प्रकार तथा उनकी आवधिकता का निर्धारण करेगी।
- संचालन से पूर्व पोतों के लिए सर्वेक्षण, पंजीकरण और बीमा पॉलिसी का प्रमाण-पत्र अनिवार्य होगा।
यह निम्नलिखित के माध्यम से माल और यात्रियों की सुरक्षित दुलाई सुनिश्चित करेगाः
- नौवहन सुरक्षा मानक; उत्सर्जन पर प्रदूषण मानक, सभी दुर्घटनाओं की जांच के साथ-साथ कार्मिक आवश्यकताओं की पूर्तिकरना आदि।
- केंद्र सरकार अंतर्देशीय पोतों पर एक इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस का निर्माण करेगी।
- आपातकालीन तैयारी, प्रदूषण की रोकथाम और अंतर्देशीय नौवहन को बढ़ावा देने के लिए एक विकास कोष की स्थापना की जाएगी।
स्रोत – द हिन्दू