अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की सुरक्षा के लिए 13 सूत्रीय एजेंडा

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की सुरक्षा के लिए 13 सूत्रीय एजेंडा

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की सुरक्षा के लिए 13 सूत्रीय एजेंडा

हाल ही में, केंद्र सरकार ने महिलाओं, बच्चों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की सुरक्षा के लिए 13 सूत्रीय एजेंडा जारी किया है।

एजेंडे के मुख्य बिंदु

  • केंद्र सरकार के 13 सूत्रीय एजेंडे में लैंगिक शोषण की ऑनलाइन रिपोटिंग और अश्लील सामग्री का वितरण, बलात्कार की शिकायतों में शून्य प्राथमिकी (zero FIRS), पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय करना इत्यादि शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, वर्ष 2018 से वर्ष 2019 तक महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसी अवधि मेंअनुसूचित जातियों के प्रति अपराध भी 7.3 प्रतिशत तक बढ़े हैं।
  • इसके साथ ही, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित गैर-लाभकारी संस्था बचपनबचाओ आंदोलन (BBA) द्वारा संकलित आंकड़े यह इंगित करते हैं कि कोविङ-19 महामारी केदौरान 9,000 बच्चों की तस्करी हुई थी।
  • ऐसी स्थिति में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ‘मानव तस्करी (निवारण, संरक्षण औरपुनर्वास) विधेयक {Irafficking in Persons (Prevention, Care and Rehabilitation) Bill}, 2021 के प्रारूप पर सभी हितधारकों से टिप्पणियां एवं सुझाव आमंत्रित किए हैं।

इसमें निम्नलिखित मुख्य प्रावधान किए गए हैं

  • यह देश के भीतर और बाहर भारत के सभी नागरिकों पर लागू होता है।
  • इसमें महिलाओं और बच्चों के अतिरिक्त, ट्रांसजेंडर को शामिल करके “पीड़ित’ की परिभाषा कोविस्तृत किया गया है।
  • दोषी पाए गए अपराधियों के लिए 20 वर्ष तक के कारावास और मृत्युदंड का उपबंध किया गया।
  • राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) को आरोपी की गिरफ्तारी की तिथि से 90 दिनों के भीतरजांच पूरी करनी होगी।

स्रोत – द हिन्दू

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