अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) विधेयक 2023
हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने लोक सभा में अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) विधेयक 2023 पेश किया है।
इस विधेयक के पारित होने से राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
यह फाउंडेशन देश में अनुसंधान एवं विकास (R&D) को प्रोत्साहित करेगा तथा देशभर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और R&D प्रयोगशालाओं में अनुसंधान एवं नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देगा ।
विधेयक के प्रमुख प्रावधानों पर एक नजर:
- NRF की स्थापना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की सिफारिशों के अनुरूप देश में वैज्ञानिक अनुसंधान को रणनीतिक दिशा प्रदान करने वाले एक शीर्ष निकाय के रूप में की जाएगी।
- पांच वर्षों की अवधि ( 2023-28 ) के लिए NRF का बजट 50,000 करोड़ रुपए का होगा ।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) NRF का प्रशासनिक विभाग होगा ।
- NRF का संचालन एक गवर्निंग बोर्ड करेगा। इस बोर्ड में अलग-अलग विषय – क्षेत्रों के प्रख्यात शोधकर्ता और पेशेवर शामिल होंगे ।
- प्रधान मंत्री इस बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री इसके पदेन उपाध्यक्ष होंगे।
- यह विधेयक विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड ( SERB) को भी निरस्त कर देगा। इसका विलय NRF में हो जाएगा ।
- NRF का कामकाज एक कार्यकारी परिषद द्वारा प्रशासित होगा । इस परिषद की अध्यक्षता भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार करेंगे ।
विधेयक का महत्त्व:
- यह अनुसंधान एवं विकास पर उद्योग द्वारा खर्च को प्रोत्साहित करेगा ।
- उद्योग, शिक्षा जगत और सरकारी विभागों के बीच सहयोग का सृजन करेगा ।
- रचनात्मकता को विकसित करने के लिए प्राकृतिक विज्ञान, मानविकी, सामाजिक विज्ञान और कला में अनुसंधान को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड ( SERB) के बारे में
- यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है, इसकी स्थापना “विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड, 2008” द्वारा की गई है।
- इसका मुख्य कार्य विज्ञान और इंजीनियरिंग में मूलभूत अनुसंधान को बढ़ाव देना है। साथ ही, इस कार्य के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। किसी शैक्षणिक/अनुसंधान संस्थान में एक नियमित फैकल्टी / शोधकत अनुसंधान कार्य के लिए सहायता हेतु आवेदन कर सकता है।
- बोर्ड 35 वर्ष से कम आयु ( जिसमें छूट भी दी जा सकती है) के युवा वैज्ञानिकों पर भी विशेष ध्यान देता है। यह बोर्ड जे.सी. बोस नेशनल फेलोशिप और रामानुजन फेलोशिप प्रदान करता है।
स्रोत – द हिन्दू