अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) बना भारत का पहला मानक विकास संगठन

अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) बना भारत का पहला मानक विकास संगठन (Standard Developing Organization)

हाल ही में, भारतीय रेलवे के ‘अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन’ (Research Design & Standards Organization -RDSO) विंग को, भारत का पहला मानक विकास संगठन (Standard Developing Organization- SDO) संस्थान घोषित किया गया है।

RDSO को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के ‘एक राष्ट्र एक मानक’ (One Nation One Standard) मिशन के तहत ‘मानक विकास संगठन’ (SDO) का टैग दिया गया है।

मुख्य बिंदु

  • भारतीय मानक ब्यूरो ने “एक राष्ट्र एक मानक” के सरकार के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए ‘राष्ट्रीय मानक निकाय’ (National Standards Body) योजना शुरू की।
  • ‘एक राष्ट्र एक मानक’ मिशन के विचार की कल्पना पहली बार वर्ष 2019 में की गई थी। इसे देश में गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को सुनिश्चित करने के लिये ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना की तर्ज पर लाया जाना था।
  • राष्ट्रीय मानक निकाय योजना द्वारा ही मानक विकास संगठन (SDO) की मान्यता प्रदान की जाती है। यह मान्यता तीन वर्ष के लिये वैध है, और वैधता समाप्त होने के बाद नवीनीकरण की आवश्यकता होगी।

राष्ट्रीय मानक निकाय योजना (National Standards Body Scheme)

‘भारतीय मानक ब्यूरो’ द्वारा  इस योजना को मौजूदा क्षमताओं और समर्पित डोमेन विशिष्ट विशेषज्ञता को समेकित और एकीकृत करने के उद्देश्य से लॉन्च किया है, जो विशिष्ट क्षेत्रों में मानकों के विकास में लगे भारत के विभिन्न संगठनों के पास उपलब्ध हैं।

अनुसंधान डिज़ाइन और मानक संगठन (Research Design & Standards Organization -RDSO)

आरडीएसओ ,लखनऊ स्थित रेल मंत्रालय का एकमात्र अनुसंधान एवं डिजाइन विंग है, जो रेलवे क्षेत्र के लिये मानकीकरण का कार्य करने वाले प्रमुख निकाय के रूप में स्थापित  है।

SDO मान्यता से लाभ

  • ‘मानक विकास संगठन’ की मान्यता के साथ ‘अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन’ की मानक निर्माण प्रक्रियाएं आम सहमति आधारित निर्णय लेने पर अधिक केंद्रित हो जाएंगी।
  • यह प्रारंभिक चरणों से मानक बनाने की प्रक्रिया में सभी हितधारकों जैसे उद्योग, शिक्षा, परीक्षण गृहों, उपयोगकर्ताओं, मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं आदि को व्यापक रूप से एकीकृत करेगा ।
  • इस टैग के साथ, उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और गुणवत्ता में सुधार के साथ ही लागत में कमी आयेगी । यह आयात निर्भरता को भी कम करेगा और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देगा।

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS )

  • BIS, को भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 द्वारा स्थापित किया गया है। यह भारत सरकार के उपभोक्ता मामले ,खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
  • इसका मुख्य कार्य वस्तुओं के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन जैसी गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास तथा इससे संबंधित गतिविधियों की देखरेख के लिये स्थापित किया गया है।
  • वर्ष 2016 में एक नया ‘भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम’ आया था, जिसे अक्तूबर 2017 से लागू किया गया है। यह नया अधिनियम भारतीय मानक ब्यूरो (BSI) को भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में प्रतिस्थापित करता है।

स्रोत: पीआईबी

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