दुग्ध उत्पादों की अनुरूपता मूल्यांकन योजना (CAS) हेतु समर्पित एक पोर्टल और लोगो लॉन्च
हाल ही में प्रधानमंत्री ने दुग्ध उत्पादों की अनुरूपता मूल्यांकन योजना (CAS) के लिए समर्पित एक पोर्टल और लोगो लॉन्च किया है।
विकासकर्ताः भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB)|
अनुरूपता मूल्यांकन योजना (Conformity Assessment Scheme: CAS) अपनी तरह की पहली प्रमाणन योजना है। इसने पूर्ववर्ती BIS- ISI चिन्ह और NDDB गुणवत्ता चिन्ह एवं कामधेनु गाय वाले एकीकृत लोगो को एक साथ ‘उत्पाद-खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली’ प्रक्रिया प्रमाणन के अंतर्गत लाने का प्रयास किया है।
इससे पहले, उत्पाद और प्रक्रिया प्रमाणन का कोई एकीकृत तंत्र नहीं था। इससे डेयरी संयंत्रों के लिए एंड-टू-एंड प्रमाणन प्राप्त करना कठिन हो जाता था।
ज्ञातव्य है कि NDDB और BIS क्रमशः प्रक्रिया और उत्पादों के प्रमाणीकरण में भी शामिल रहे हैं।
योजना के लामः
- प्रमाणन प्रक्रिया को सरल बनाना और डेयरी मूल्य श्रृंखला में एंड-टू-एंड प्रमाणन सुनिश्चित करना।
- संगठित क्षेत्र में दुग्ध और दुग्ध उत्पादों की बिक्री एवं किसानों की आय में वृद्धि करना।
- डेयरी क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण संस्कृति का विकास करना।
दुग्ध और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है । जैतून के तेल के बाद मिल्क पाउडर ऐसा दूसरा खाद्य पदार्थ है, जिसमें मिलावट का खतरा विद्यमान है।
दूध में की जाने वाली कुछ प्रमुख मिलावटों में यूरिया, फॉर्मेलिन, डिटर्जेंट, अमोनियम सल्फेट,बोरिकएसिड, कास्टिक सोडा, बेंजोइक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, शर्करा और मेलामाइन शामिल हैं। इनका स्वास्थ्य पर गंभीर रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ।
स्रोत – द हिन्दू