‘अग्नि प्राइम’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण
हाल ही में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा ओडिशा के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ का सफल परीक्षण किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- यह मिसाइल के तीन सफल विकास परीक्षणों के बाद उपयोगकर्ताओं द्वारा आयोजित पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था, जो सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता को वैधता प्रदान करता है।
- परीक्षण के दौरान मिसाइल के पूरे प्रक्षेपवक्र को कवर करने वाले उड़ान डेटा को कैप्चर करने के लिए राडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज उपकरणों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था।
अग्नि प्राइम मिसाइल:
- अग्नि प्राइम मिसाइल दोहरी नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली के साथ दो चरणों वाली कनस्तरीकृत ठोस प्रणोदक मिसाइल है । कनस्तरीकरण प्रक्षेपण के लिए आवश्यक समय को कम करता है और भंडारण और गतिशीलता में सुधार करता है।
- यह सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी रेंज 1000 से 2000 किमी के बीच है।
- “अग्नि प्राइम” अग्नि श्रृंखला की छठी मिसाइल है। अग्नि मिसाइलों का विकास डॉ0 APJ अब्दुल कलाम की अगुवाई में एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत किया गया है।
- भारत सरकार ने इसे वर्ष 1983 में अनुमोदित किया था। भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा इस श्रृंखला की मिसाइलों का विकास किया गया है।
एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत 5 मिसाइलों का विकास किया गया है-
- पृथ्वी : यह कम दूरी की सतह-से-सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है।
- अग्नि : इसमें भिन्न-भिन्न रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं।
- त्रिशूल : यह कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
- नाग : यह तीसरी पीढ़ी की टैंक-रोधी मिसाइल है।
- आकाश : यह मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
स्रोत – पी.आई.बी.