अग्नि-पी (प्राइम) मिसाइल (Agni-P (Prime) missile)
अग्नि-पी (प्राइम) मिसाइल (Agni-P (Prime) missile)
हाल ही में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
अग्नि-पी, अग्नि श्रेणी की नई पीढ़ी की अत्यधिक आधुनिक उन्नत श्रेंणी की मिसाइल है। यह छोटे –छोटे कनस्तर वाली मिसाइल (canisterised missile) है जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किमी है।
मिसाइलों का कनस्तरों में बटा होना मिसाइल को लॉन्च करने में लगने वाले आवश्यक समय को कम करता है और इसके भंडारण और गतिशीलता में सुधार करता है।
विदित हो कि, अग्नि-V, अग्नि श्रृंखला की सबसे लंबी और अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जिसकी मारक सीमा 5,000 किमी से अधिक है। इस मिसाइल का पहले भी कई बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।
एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP)
IGMDP की स्थापना का विचार प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा दिया गया था, जिसे वर्ष 1983 में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था और वर्ष 2012 में पूरा किया गया, इसका उद्देश्य मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
इस कार्यक्रम के तहत विकसित 5 मिसाइलें (P-A-T-N-A) हैं:
- पृथ्वी: यह सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम कम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल है।
- अग्नि: यह सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल है इसके निम्न चरण विकसित किये जा चुके हैं यानी अग्नि (1,2,3,4,5)
- त्रिशूल: सतह-से-आकाश में मार करने में सक्षम कम दूरी वाली मिसाइल है।
- नाग: तीसरी पीढ़ी की टैंक भेदी मिसाइल है।
- आकाश: सतह-से-आकाश में मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली मिसाइल है।
स्रोत – द हिन्दू
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