अगस्त्यमलाई हाथी रिज़र्व
हाल ही में विश्व हाथी दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार ने तमिलनाडु में भारत के 31वें हाथी रिज़र्व को अधिसूचित किया है ।
नए हाथी रिज़र्व को अगस्त्यमलाई हाथी रिज़र्व के रूप में अधिसूचित किया गया है। इस रिजर्व में तमिलनाडु के कन्याकुमारी और तिरुनेलवेली के 1,197.48 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र शामिल हैं।
हाथियों के बारे में
भारतीय हाथी (एलीफस मैक्सिमस) निम्नलिखित क्षेत्रों में पाया जाता है:
मध्य और दक्षिणी पश्चिमी घाट,पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी भारत,उत्तरी भारत और – दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में।
इसकी संरक्षण स्थिति इस प्रकार है–
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल है।
- वनस्पतियों और वन्य जीवों की संकटापन्न प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES) के परिशिष्ट-1 में शामिल है।
- IUCN लाल सूची स्थितिः एंडेंजर्ड।
- वर्ष 2017 की गणना के अनुसार, भारत में 29,964 हाथी हैं। कर्नाटक में हाथियों की संख्या सबसे अधिक (6,049) है। इसके बाद असम (5,719) और केरल (3,054) का स्थान है।
हाथियों के समक्ष प्रमुख खतरे–
मानव-हाथी संघर्ष, पर्यावास का नुकसान और बिखराव, अवैध शिकार तथा छोटी आबादी और अलग-अलग रहने के कारण आनुवंशिक विविधता का नुकसान।
हाथियों के संरक्षण हेतु प्रमुख पहले –
- भारत ने वर्ष 1992 में ‘हाथी परियोजना शुरू की थी। परियोजना के तहत, सरकार हाथियों को बचाने के लिए राज्यों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है ।
- मॉनिटरिंग द इलीगल किलिंग ऑफ एलीफेंट्स (माइक/MIKE): यह एशिया और अफ्रीका में हाथियों के संरक्षण के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय प्रयास है।
- विश्व के हाथियों के संरक्षण और सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है।
स्रोत –द हिन्दू