अखिल भारतीय शिक्षा समागम और उल्लास पहल

अखिल भारतीय शिक्षा समागम और उल्लास पहल

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया है। यह दो दिवसीय कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 की तीसरी वर्षगाँठ पर आयोजित किया गया है।

इसी अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री ने ULLAS: नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (या ULLAS ऐप) का मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है ।

अखिल भारतीय शिक्षा समागम की मुख्य विशेषताएँ:

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की परिकल्पना के अनुरूप एक समतापूर्ण, समावेशी एवं बहुलवादी समाज के निर्माण में संलग्न, उत्पादक और योगदान देने वाले नागरिकों का निर्माण करने वाले विद्यालयों की स्थापना करने के लिये PM श्री योजना के तहत धनराशि की पहली किस्त जारी की है।

प्रधानमंत्री ने शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम की पुस्तकें भी जारी की हैं जो 12 भारतीय भाषाओं में अनुवादित हैं, ये विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा में अध्ययन करने के साथ उनके अधिगम में भी वृद्धि करेंगी।

उल्लास: नव भारत साक्षरता कार्यक्रम:

” उल्लास: नव भारत साक्षरता कार्यक्रम ” का लोगो और नारा अभियान के उत्साह और देश भर में फैल रहे ज्ञान के प्रकाश का प्रतीक है।

उल्लास/ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) मोबाइल एप्लिकेशन मूलभूत साक्षरता को व्यापक रूप से सुलभ बनाने के लिए प्रौद्योगिकी की क्षमता का उपयोग करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

यूजर्स के अनुकूल यह ऐप एंड्रॉइड और IOS, दोनों पर उपलब्ध है और NCERT के दीक्षा पोर्टल के माध्यम से विविध शिक्षण संसाधनों में जुड़ने हेतु शिक्षार्थियों के लिए एक डिजिटल गेटवे के रूप में काम करेगा।

उल्लास ऐप का उपयोग स्व-पंजीकरण या सर्वेक्षणकर्ताओं द्वारा शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवकों के पंजीकरण के लिए किया जा सकता है।

उल्लास राष्ट्र निर्माण के कार्य में शामिल होने के लिए फंक्शनल साक्षरता, व्यावसायिक कौशल और वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, डिजिटल साक्षरता एवं नागरिकों के सशक्तिकरण जैसे कई महत्वपूर्ण जीवन कौशल को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित करेगा।

यह देशभर के विभिन्न समुदायों में निरंतर सीखने और ज्ञान साझा करने की संस्कृति को भी बढ़ावा देगा। उल्लास (अंडरस्टैंडिंग लाइफलॉन्ग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसाइटी) पहल बुनियादी साक्षरता एवं महत्वपूर्ण जीवन कौशल के बीच के अंतर को दूर कर और हर व्यक्ति के लिए सुलभ एक सीखने के इकोसिस्टम को बढ़ावा देकर देश भर में शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए तैयार है।

यह कार्यक्रम 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन नागरिकों को बुनियादी शिक्षा, डिजिटल एवं वित्तीय साक्षरता तथा महत्वपूर्ण जीवन कौशल से लैस करता है जो स्कूल जाने का अवसर खो चुके हैं। इसे स्वयंसेवी भावना के जरिए क्रियान्वित किया जा रहा है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 में 12 लाख से अधिक छात्र स्कूल से बाहर हैं, जिनमें लड़कियों की तुलना में लड़कों की संख्या अधिक है।

स्रोत – पी.आई.बी.

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