एशिया के सबसे बड़े 4-मीटर अंतर्राष्ट्रीय लिक्विड मिरर टेलीस्कोप (ILMT) का उद्घाटन

Share with Your Friends

एशिया के सबसे बड़े 4-मीटर अंतर्राष्ट्रीय लिक्विड मिरर टेलीस्कोप (ILMT) का उद्घाटन

हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उत्तराखंड के देवस्थल में एशिया के सबसे बड़े 4-मीटर अंतर्राष्ट्रीय लिक्विड मिरर टेलीस्कोप (International Liquid Mirror Telescope: ILMT) का उद्घाटन किया।

आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज- एआरईईएस (ARIES) ने घोषणा की कि विश्व स्तरीय 4-मीटर इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलीस्कोप (ILMT) अब सुदूर एवं गहन आकाशीय अंतरिक्ष का पता लगाने के लिए तैयार है।

इसने मई 2022 के दूसरे सप्ताह में अपना पहला प्रकाश प्राप्त किया।

ILMT टेलीस्कोप के बारे में

  • यह टेलीस्कोप नैनीताल जिले में ARIES के देवस्थल स्थित वेधशाला परिसर में 2450 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
  • इस टेलिस्कोप को एडवांस्ड मैकेनिकल एंड ऑप्टिकल सिस्टम्स (AMOS) कॉर्पोरेशन और बेल्जियम में सेंटर स्पैटियल डी लीज द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था ।

पारंपरिक टेलीस्कोप और लिक्विड मिरर टेलीस्कोप में क्या हैं अंतर?

  • पारंपरिक टेलीस्कोप ऑब्जरवेशन के लिए आकाश में किसी टारगेट खगोलीय स्रोत को केंद्रित करके संचालन किया जाता है।
  • दूसरी ओर, लिक्विड मिरर टेलिस्कोप स्थिर दूरबीन (stationary telescopes) हैं जो आकाश की एक पट्टी की छवि बनाती हैं जो रात में एक निश्चित समय पर चरम पर होती है।
  • दूसरे शब्दों में, एक लिक्विड मिरर टेलिस्कोप सितारों, आकाशगंगाओं, सुपरनोवा विस्फोटों, क्षुद्रग्रहों से अंतरिक्ष मलबे तक किसी भी और सभी संभावित खगोलीय पिंडों का सर्वे करेगा और इमेज कैप्चर करेगा।
  • पारंपरिक दूरबीनों में अत्यधिक पॉलिश किए गए कांच के दर्पण होते हैं जो विशिष्ट रात्रियों में टारगेटेड आकाशीय पिंड पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नियंत्रित तरीके से संचालित होते हैं।
  • प्रकाश तब परावर्तित होता है और इसे इमेज बनता है। इसके विपरीत, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, लिक्विड मिरर टेलिस्कोप परावर्तक तरल (reflective liquid) जैसे कि पारा से युक्त दर्पणों से बना होता है जिसमें उच्च प्रकाश-परावर्तक क्षमता होती है।
  • लगभग 50 लीटर (700 kgs के बराबर) पारा एक कंटेनर में भरकर ILMT के ऊर्ध्वाधर अक्ष (vertical axis) के साथ एक निश्चित स्थिर गति से घुमाया जाएगा।
  • इस प्रक्रिया के दौरान, पारा कंटेनर में एक पतली परत के रूप में फैल जाएगा जो एक परवलयिक आकार (paraboloid-shaped) की परावर्तक सतह बनाता है जो अब दर्पण के रूप में कार्य करेगा। ऐसी सतह प्रकाश को संग्रहित करने और केंद्रित करने के लिए आदर्श है।
  • दोनों के बीच एक और अंतर ऑपरेशनल समय को लेकर है। जहां पारंपरिक टेलीस्कोप अध्ययन की आवश्यकता के अनुसार निश्चित घंटों के लिए टारगेटेड आकाशीय पिंड स्रोतों का निरीक्षण करते हैं। वहीं ILMT सभी रात्रियों में आकाश की छवियों को कैप्चर करेगा।

स्रोत – पी.आई.बी.

Download Our App

More Current Affairs

Was this article helpful?
YesNo

Leave a Comment

Click to Join Our Current Affairs WhatsApp Group

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilation & Daily Mains Answer Writing Test & Current Affairs MCQ

In Our Current Affairs WhatsApp Group you will get daily Mains Answer Writing Question PDF and Word File, Daily Current Affairs PDF and So Much More in Free So Join Now

Register For Latest Notification

Register Yourself For Latest Current Affairs

June 2023
M T W T F S S
« May    
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
2627282930  

Mains Answer Writing Practice

Recent Current Affairs (English)

Current Affairs (हिन्दी)

Subscribe Our Youtube Channel

Register now

Get Free Counselling Session with mentor

Download App

Get Youth Pathshala App For Free

Hi, there

Welcome to Youth Destination IAS

We have a perfect gift For you:
Open Access to the Youth Destination Library

THANK YOU