संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने, अंतर्राष्ट्रीय कर सहयोग ढांचे को तैयार करने के लिए एक संकल्प अपनाया

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने, अंतर्राष्ट्रीय कर सहयोग ढांचे को तैयार करने के लिए एक संकल्प अपनाया

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly-UNGA) ने पहली बार, अंतर्राष्ट्रीय कर सहयोग ढांचे को तैयार करने के लिए एक संकल्प अपनाया है।

नाइजीरिया ने 54 अफ्रीकी देशों के एक संघ की ओर से इस संकल्प (Resolution) को प्रस्तुत किया था ।

इस संकल्प का उद्देश्य बहुराष्ट्रीय उद्यमों और शीर्ष के अमीरों द्वारा वैश्विक कर के दुरुपयोग को समाप्त करना है।

देशों के बीच होने वाला संवाद डिजिटल अर्थव्यवस्था में कर से जुड़े मुद्दों और अवैध धन प्रवाह के जोखिम को कवर करेगा ।

वर्तमान में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organization for Economic Co-operation and Development – OECD) वैश्विक कर संबंधी मामले में दुनिया का अग्रणी नियम निर्माता है। इस क्षेत्र में इसका पिछले 60 साल से वर्चस्व कायम है।

यह निर्णय OECD के वर्चस्व के अंत की शुरुआत हो सकता है।

संयुक्त राष्ट्र OECD की तुलना में वार्ता के लिए विश्व स्तर पर अधिक समावेशी और पारदर्शी मंच प्रदान करता है।

ध्यातव्य है कि आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की स्थापना 1961 में हुई थी। वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या 35 है। इसका मुख्यालय पेरिस (फ़्राँस) में है।

दुनिया भर में लोगों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण में सुधार लाने वाली नीतियों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना OECD का प्रमुख उद्देश्य है।

पिलर वन: इसके तहत डिजिटल अर्थव्यवस्था में कर अधिकार प्रदान किए गए हैं। साथ ही, यह विश्व की दिग्गज कंपनियों के मुनाफे का आवंटन उन देशों को भी करता है, जहां उनका ग्राहक आधार महत्वपूर्ण है ।

कुल मिलाकर, इसके अंतर्गत दुनिया के 100 सबसे लाभदायक बहुराष्ट्रीय उद्यमों के लिए सालाना 125 बिलियन डॉलर से अधिक के कर अधिकार उपभोक्ता – केंद्रित देशों को आवंटित किए जाने थे।

पिलर टू: इसमें 15% की वैश्विक न्यूनतम कर दर की व्यवस्था की गई है। यदि न्यूनतम दर से अधिक कर वसूला जाता है, तो संबंधित देश द्वारा कर की अतिरिक्त राशि वापस की जाएगी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) के बारे में-

महासभा संयुक्त राष्ट्र का महत्त्वपूर्ण अंग है। यह विचार-विमर्श, नीति-निर्धारण जैसे कार्यों के लिये उत्तरदायी है।

महासभा में संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व है, जो इसे सार्वभौमिक प्रतिनिधित्व वाला एकमात्र संयुक्त राष्ट्र निकाय बनाता है।

प्रतिवर्ष सितंबर में संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों की वार्षिक महासभा का आयोजन न्यूयॉर्क के जनरल असेंबली में किया जाता है और इसमें सामान्य बहस होती है तथा कई राष्ट्र प्रमुखता से भाग लेते हैं।

महासभा में महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर निर्णय लेने, जैसे कि शांति एवं सुरक्षा, नए सदस्यों के प्रवेश तथा बजटीय मामलों के लिये दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।

अन्य प्रश्नों पर निर्णय साधारण बहुमत से लिया जाता है।

महासभा के अध्यक्ष को प्रत्येक वर्ष महासभा द्वारा एक वर्ष के कार्यकाल के लिये चुना जाता है।

मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद को वर्ष 2021-22 के लिये यूएनजीए के 76वें सत्र के लिये अध्यक्ष चुना गया है।

यूएनजीए ने एंटोनियो गुटेरेस को 1 जनवरी, 2022 से शुरू होने वाले और 31 दिसंबर, 2026 को समाप्त होने वाले दूसरे कार्यकाल के लिये नौवें संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UNSG) के रूप में नियुक्त किया है।

स्रोत – द हिन्दू

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