अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की एक रिपोर्ट
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक ईंधन खपत को वर्ष 2030 तक आधा करने का लक्ष्य बाधित हो गया है ।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के ग्लोबल फ्यूल इकोनॉमी इनिशिएटिव (GFEI) के अपडेट के अनुसारः
- वर्ष 2030 तक वर्ष 2005 के स्तर से नए लाइट-ड्यूटी वाहनों की आधी ईंधन खपत के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति धीमी रही है। यह मंद प्रगति नीतिगत कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।
- इसके अनुसार कुशल इलेक्ट्रिक कारों की बाजार हिस्सेदारी को बढ़ावा देने वाली मजबूत नीतियों तथा वैश्विक रूप से आंतरिक दहन इंजनों में दक्षता संबंधी प्रौद्योगिकियों को अपनाया जाना चाहिए।
- GFEI के वर्ष 2030 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए, देशों को ईंधन अर्थव्यवस्था पर कानूनों को अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं के साथ संरेखित करने की आवश्यकताहै।
ग्लोबल फ्यूल इकोनॉमी इनिशिएटिव (GFEI)
- GFEI की स्थापना वर्ष 2009 में की गई थी। इसका उद्देश्य वैश्विक लाइट-ड्यूटी वाहनों की ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए सरकारी कार्रवाई को बढ़ावा देना और समर्थन करना है।
- GFEI अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) के अंतर्राष्ट्रीय परिवहन मंच (ITF), स्वच्छ परिवहन पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद (ICCI), कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-डेविस तथा FIA फाउंडेशन के मध्य एक साझेदारी है।
- इसका लक्ष्य नए लाइट ड्यूटी वाहनों के लिए वर्ष 2030 तक उनकी औसत ईंधन अर्थव्यवस्था में सुधार करना है (2005 की आधार रेखा की तुलना में)। साथ ही, इसमें इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड तकनीक भी शामिल करना है।
IEA (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी)
- IEA एक स्वायत्त अंतरसरकारी संगठन है। इसे वर्ष 1974 में OECD के ढांचे के अंतर्गत स्थापित किया गया था, ताकि देशों को सामूहिक रूप से तेल आपूर्ति व्यवधानों से निपटने में सहायता मिल सके।
- यह अपने सदस्य देशों को ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास से संबंधित मुद्दों पर परामर्श देता है।
- वर्ष 2017 में, भारत इस समूह में एक सहयोगी सदस्य के रूप में शामिल हुआ था।
- IEA वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक, तेल बाजार रिपोर्ट आदि प्रकाशित करता है।
स्रोत- द हिंदू