अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अधिकारीयों पर से अमेरिकी प्रतिबन्ध हटा

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अधिकारीयों पर से अमेरिकी प्रतिबन्ध हटा

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अधिकारीयों पर से अमेरिकी प्रतिबन्ध हटा

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वाराअंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के दो शीर्ष अधिकारियों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा दिया गया है।

इन अधिकारियों पर प्रतिबन्ध, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाये गए थे ।

पृष्ठभूमि:

  • उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों द्वारा कथित अपराधों कीअदालत द्वाराजांच किए जाने के बाद ट्रंप प्रशासन ने, आईसीसी के दो अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे। आदेशानुसार, अधिकारियों के खातों को फ्रीज करना तथा, देश में प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया था।
  • अमेरिका के अटॉर्नी-जनरल के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग को पर्याप्त सबूत मिले है जो अभियोजन पक्ष के कार्यालय में उच्चतम स्तर पर वित्तीय भ्रष्टाचार और दुर्भावना के लंबे इतिहास के बारे में गंभीर चिंताओं को उजागर करती है।
  • इसके अलावा अमेरिकी अधिकारियों ने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में अपने पक्ष में हेर-फेर करने के लिये रूस को भी ज़िम्मेदार ठहराया है।
  • अमेरिका का मानना है कि इसका अधिकार क्षेत्र केवल तभी लागू होता है, जब कोई सदस्य राष्ट्र अत्याचारों के खिलाफ मुकदमा चलाने में असमर्थ या अनिच्छुक हो।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के बारे में:

  • अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (International Criminal Court -ICC) नरसंहार, युद्ध अपराधों तथा मानवता के खिलाफ अपराधों के अभियोजन के लिए अंतिम न्यायालय है। इसका कार्यालय हेग, नीदरलैंड में स्थित है।
  • इसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय समुदायों के प्रति गंभीर अपराधों के दोषी अपराधियों पर मुकदमा चलाने तथा उन्हें सजा देने के लिए की गयी है।आईसीसी, विश्व में अपनी तरह का प्रथम स्थायी अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय है।
  • आईसीसी की स्थापना 1 जुलाई, 2002 को अपनाये गये रोम कन्वेंशन के साथ की गई थी।
  • न्यायालय का व्यय, मुख्य रूप से सदस्य देशों द्वारा पूरा किया जाता है, हालांकि इसे सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, निजी व्यक्तियों, निगमों तथा अन्य संस्थाओं से स्वैच्छिक योगदान भी प्राप्त होता है।

आईसीसी मुख्यतः 4 मुद्दों से संबंधित सुनवाई ही करता है जिनमें

  1. नरसंहार
  2. मानवता के खिलाफ अपराध
  3. युद्ध अपराध
  4. अतिक्रमण का अपराध
  • ज्ञात हो कि 123 राष्ट्र रोम संविधि के पक्षकार हैं तथा आईसीसी के अधिकार को मान्यता देते हैं ।
  • भारत अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय का सदस्य नहीं है, इसके साथ ही अमेरिका, चीन, इजराइल और रूस भी अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के सदस्य नहीं हैं।

स्रोत – द हिन्दू

 

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