अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय(इंटरनेशनलक्रिमिनल कोर्ट – आईसीसी ) ने युगांडा के विद्रोही समूह लॉर्ड्स रेजिस्टेंस आर्मी को और इसके पूर्व कमांडर (डोमिनिक ओंगवेन) को दोषी ठहराया है। इन पर दर्जनों युद्ध-अपराधों और मानवता के विरुद्ध कई अपराधों, जिनमें हत्याओं से लेकर जबरन विवाह आदि तक के अपराध शामिल है।
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी):
- आईसीसीहेग, नीदरलैंड में स्थितहै। इसका कार्य जनसंहार, युद्ध-अपराध, मानवता के प्रति अपराध तथा आक्रमण के अपराध के आरोपी व्यक्तियों का अपराध तय करना और उनके खिलाफ मुकदमा चलाना।
- फंडिंग:न्यायालय का खर्च मुख्य रूप से सदस्य देशों द्वारा उठाया जाता है, परन्तु इसे सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, निजी व्यक्तियों, निगमों तथा अन्य संस्थाओं से स्वैच्छिक योगदान भी प्राप्त होता है।
- अंतर्राष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय को1998 में घोषित रोम कानून (Rome Statute) के द्वारा स्थापित किया गया था।
- भारत अंतर्राष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय सदस्य नहीं है, क्योंकि भारत ने अभी तक रोम कानून पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
न्यायालय का स्वरूप और मतदान की शक्ति:
- न्यायालय का प्रबंधन और पर्यवेक्षण एक विधायी निकाय द्वारा किया जाता है जिसका नामअसेम्बली ऑफ़ स्टेट्स पार्टीज है, जिसमें प्रत्येक देश का एक प्रतिनिधि होता है।
- इस असेंबली में एक अध्यक्ष और दो उपाध्यक्ष होते हैं।इनका चुनाव सदस्यों द्वारा तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए किया जाता है।
- प्रत्येक सदस्य का एक वोट होता है तथा सर्वसम्मति से निर्णय लेने के लिए “हर संभव प्रयास” किया जाता है। किसी विषय पर सर्वसम्मति नहीं होने पर वोटिंग द्वारा निर्णय किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ):
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के द्वारा देशों के बीच उप्तन्न विवादों को सुलझाया जाता है, जैसे – सीमा विवाद, जल विवाद आदि।
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय कानिर्णय परामर्श माना जाता है एवं इसके द्वारा दिए गये निर्णय को बाध्यकारी रूप से लागू करने की शक्ति सुरक्षा परिषद् के पास है।
- इसके अतिरिक्तसंयुक्त राष्ट्र संघ की विभिन्न एजेंसियाँ अंतर्राष्ट्रीय विवाद के मुद्दों पर इससे परामर्श ले सकती हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में15 न्यायाधीश होते हैं जिनका कार्यकाल 9 वर्षों का होता है। ये 15 न्यायाधीश निम्नलिखित क्षेत्रों से चुने जाते हैं –
- अफ्रीका से तीन
- लैटिन अमेरिका और कैरीबियाई देशों से दो
- एशिया से तीन
- पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों में से पाँच
- पूर्वी यूरोप से दो
आलोचना:
- यह संदिग्ध अपराधियों को गिरफ्तार करने में सक्षम नहीं है, इसके लिए आईसीसी को सदस्य राज्यों पर निर्भर होना पड़ता है।
- आईसीसीके आलोचकों का तर्क है कि आईसीसी अभियोजक तथा न्यायाधीशों के अधिकार पर अपर्याप्त नियंत्रण और संतुलन हैं एवं अभियोगों के राजनीतिकरण होने के विरुद्ध अपर्याप्त प्रावधान है।
- आईसीसी पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाया जाता है और पश्चिमी साम्राज्यवाद का एक उपकरण होने के नाते, समृद्ध तथा शक्तिशाली देशों द्वारा किए गए अपराधों की अनदेखी करता है तथा छोटे और कमजोर देशों के नेताओं को दंडित करता है।
- आईसीसीकई मामलों को राज्य सहयोग के बिना सफलतापूर्वक नहीं हल कर सकता है, इससे कई समस्याएं उत्पन्न होती है।
स्रोत –द हिन्दू