अंतरतम आंतरिक कोर (Innermost inner core) परत की खोज
हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के आंतरिक कोर में एक नई परत की खोज की है। इस नवीन परत की खोज ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के भूकंप वैज्ञानिकों ने की है।
- यह परत पृथ्वी के आंतरिक कोर के भीतर एक ‘ठोस धात्विक बॉल’ है। इसे “अंतरतम आंतरिक कोर” (Innermost inner core) कहा जा रहा है।
- यह पृथ्वी के भीतर गहराई में उच्च दाब होने के कारण ठोस अवस्था में है। उच्च दाब लौह मिश्र धातु को पिघलने से रोकता है।
- यह आंतरिक कोर के अंतरतम क्षेत्र में एक क्रिस्टलीकृत संरचना है । यह क्षेत्र बाहरी परत से अलग है।
- इस नई परत के अस्तित्व के बारे में पहली बार लगभग 20 साल पहले विचार व्यक्त किए गए थे। इसकी पहचान भूकंपों के कारण उत्पन्न होने वाली भूकंपीय तरंगों से एकत्रित आंकड़ों के माध्यम से की गई थी।
- इससे पहले, पृथ्वी की आंतरिक संरचना में चार परतों की पहचान की जा चुकी है ।
ये चार परतें निम्नलिखित हैं:
- भूपर्पटी (Crust): यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी या सबसे बाहरी परत है। यह पृथ्वी के कुल आयतन का 1 प्रतिशत है। इसके दो भाग हैं- पतला महासागरीय क्रस्ट और मोटा महाद्वीपीय क्रस्ट
- मेंटल : यह पृथ्वी की ठोस / लोचदार परत है। यह पृथ्वी के आयतन का लगभग 84 प्रतिशत है । यह दो भागों में विभाजित है- ऊपरी मेंटल और निचली मेंटल । सबसे ऊपरी मेंटल और भूपर्पटी मिलकर स्थलमंडल (Lithosphere) का निर्माण करती हैं।
- बाहरी कोर : यह कोर का तरल हिस्सा है। इसमें 80 प्रतिशत लोहा, शेष निकेल और कुछ अन्य हल्के तत्व हैं ।
- आंतरिक कोर: यह कोर का ठोस हिस्सा है। यह लोहा और निकेल के अलावा सोना, प्लैटिनम, पैलेडियम, चांदी व टंगस्टन जैसे भारी तत्वों से मिलकर बना है।
पृथ्वी की पांचवीं नई परत का महत्त्व–
- यह पृथ्वी पर करोड़ों से लेकर अरबों साल पहले घटित घटनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएगी ।
- यह पृथ्वी के आंतरिक कोर और सबसे केंद्रीय क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने का एक नया तरीका प्रदान करेगी।
- पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के विकास के बारे में जानकारी प्राप्त होगी आदि ।
स्रोत – द हिन्दू