अंटार्कटिका से टूट कर अलग हुआ, हिमखंड A-76
हाल ही में अंटार्कटिका महाद्वीप में एक हिमखंड टूट कर अलग हो गया है। यह घटना वैज्ञानिकों के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हिमखंड (iceberg) अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड है। इसे वैज्ञानिकों ने A-76 नाम दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- इस हिमखंड की लंबाई 170 किलोमीटर और चौड़ाई 25 किलोमीटर है। इस हिमखंड को कॉपरनिकस सेंटिनल (Copernicus Sentinel) नामक एक यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के उपग्रह द्वारा देखा गया था। विदित हो कि कॉपरनिकस सेंटिनल दो उपग्रहों वाला तारामंडल है, जो पृथ्वी के ध्रुवों की परिक्रमा करता है।
- यह हिमखंड टूटकर वेडेल सागर (Weddell Sea) पर तैर रहा है। वेडेल सागर एक बड़ी खाड़ी है, जो पश्चिमी अंटार्कटिका में स्थित है । सबसे पहले इस घटना को ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण ने ही नोटिस किया था।
समुद्र तल पर हिमखंड का प्रभाव
- विदित हो कि ये हिमखंड अंटार्कटिका की आइस शेल्फ़ से अलग होते हैं। जिस आइस शेल्फ़ से A-76 टूट कर अलग हुआ है, उसे रोन आइस शेल्फ़ (Ronne Ice Shelf) कहा जाता है।
- जब भी अंटार्कटिका से कोई हिमखंड निकलता है, तो यह समुद्र के जल स्तर को बढ़ा देता है। हालाँकि इस मामले में जिस आइस शेल्फ़ से यह बर्ग टूट कर अलग हुआ है, वह पहले से ही पानी पर तैर रही थी।
A-76 के पूर्ववर्ती (Predecessor of A-76)
- अकसर इस तरह की घटनाएँ प्राकृतिक रूप में होती हैं । अंटार्कटिका में निश्चित अंतराल पर बर्फ का जमना और फिर से बढ़ना, खण्डों में टूटना स्वाभाविक रूप से होता रहता है। इस हिमखंड से पहले, A-74 हिमखंड अंटार्कटिका से निकला था। यह प्रक्रिया क्षेत्र में बर्फ के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है।
- लेकिन कुछ समय से इस क्षेत्र के जल के तापमान में वृद्धि हुई है, जल के तापमान में हुई यह वृद्धि इस प्राकृतिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है, और हिमखंड टूटने की दर को बढ़ा रही हैं।
स्रोत – द हिन्दू